नहीं मिली अंत्येष्टि राशि विरोध जताया तो नपाकर्मियों ने किया श्रमिक पंजीयन निरस्त



- मृतिका का पति रामकिशन मालवीय।
सीहोर। अधिकारी-कर्मचारियों की कारगुजारियों के चलते सीहोर नगरपालिका बदनाम है। निर्माण कार्यों में घोटालों के आरोप झेल रहे अब मृतकों के परिजनों को प्रदाय होने वाली आर्थिक सहायता पर भी कर्मचारी डाका डाल रहे हैं। तो वहीं दूसरी और मृतक के परिजन विभागों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। नगरपालिका का एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जहां श्रमिक की मृत्यु के उपरांत परिवार को तत्काल दी जाने वाली अंत्येष्टि राशि नहीं दी गई उसके
बाद आर्थिक सहायता की फाईल भी विभाग में गायब कर दी गई और अब एक माह बाद मृतक के परिजनों से कहा जा रहा है कि मृतक का
श्रमिक पंजीयन निरस्त हो गया है।
मंगलवार को जनसुनवाई में वार्ड 34 कस्बा निवासी रामकिशन मालवीय ने कलेक्टर को शिकायती आवेदन सौंपकर बताया कि 26 अगस्त को उनकी पत्नी अनीता मालवीय का बीमारी के चलते निधन हो गया था। मृतिका अनीता सिलाई का कार्य करती थी जिसका संबल योजना में श्रमिक कार्ड बना था। मृत्यु के उपरांत नगरपालिका में सूचना देने के बाद भी उन्हें अंत्येष्टि राशि 5 हजार रुपए नहीं मिली। दो माह बीतते को आए लेकिन राशि उन्हें नपा द्वारा प्रदान नहीं की गई है। शासन द्वारा श्रमिकों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता के लिए उन्होंने नगरपालिका सीहोर में सारे दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था। वह राशि भी अभी तक नहीं दी गई है।
मृतिका के पति रामकिशन मालवीय ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि 9 सितंबर 2019 को उन्होंने नगरपालिका सीहोर में आर्थिक सहायत हेतु आवेदन जमा शाखा प्रभारी राजेन्द्र परमार के पास जमा किया था। इस दौरान शाखा प्रभारी राजेन्द्र परमार का तबादला अन्य जिले में कर दिया गया और चार्ज प्रकाश परमार को दिया गया। संबल योजना शाखा प्रभारी द्वारा पहले तो मुझे बताया गया कि तुम्हारी फाईल नगरपालिका से गुम हो गई है और फिर बताया गया कि मृतिका अनीता बाई का श्रमिक पंजीयन निरस्त हो गया है इसलिए अंत्येष्टि और आर्थिक सहायता राशि तुम्हे नहीं मिलेगी।
शिकायतकर्ता रामकिशन ने बतया कि जिस वक्त उसने आवेदन किया था तब श्रमिक पंजीयन था और आवेदन करने के एक माह बाद उनकी मृतक पत्नी का पंजीयन निरस्त कर दिया गया। पंजीयन के सत्यान के लिए नपा का कोई भी कर्मचारी उनके घर नहीं आया। दो माह बीत जाने के बाद भी उन्हें तत्काल मिलने वाली अंत्येष्टि राशि तक नहीं दी गई।
एक साल से पडे पेंडिंग केस
नियमों की बात करें तो मृत्यु के उपरांत अंत्येष्टि राशि 5 हजार उसी दिन वार्ड नाकेदार द्वारा मृतक के परिजनों को दी जाती है जिससे वह मृतक की अंतिक क्रिया कर सके। लेकिन नगरपालिका सीहोर मेें लापरवाही का आलम कुछ इस प्रकार है कि एक साल बाद भी अनेकों श्रमिकों के परिजनों को यह राशि प्राप्त नहीं हुई है। नेता प्रतिपक्ष रामप्रकाश चौधरी ने बताया कि वर्तमान में दो दर्जन से अधिक अंत्येष्टि राशि सहायता के केस पेंडिंग हैं। बताया कि वार्ड 23 में रहने वाली चिरौंजी बाई यादव और राजकुमार वर्मा की मृत्यु को एक साल से अधिक समय बीत गया है लेकिन आज दिनांक तक उनके परिजनों को अंत्येष्ठि राशि नहीं मिली है। इस प्रकार अनेकों
वार्डों में दर्जनों मामले लंबित पडे हैं।
इस मामले में संबल योजना शाखा प्रभारी प्रकाश
परमार का कहना है कि मृतिका का श्रमिक पंजीयन निरस्त हो गया है श्रम विभाग को पत्र भेजकर मार्गदर्शनक मांगा गया है कि राशि दे सकते हैं कि नहीं।
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